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श्री संहितासूरि पंडित गुलाबचन्द्र "पुष्प"
पुष्प जी प्रतिष्ठाओं के लिये आदर्श है, उनकी सामजस्यपूर्ण एवं सैध्दान्तिक कार्यशैली के कारण सभी प्रतिष्ठाचार्य उनका साथ पाने की सौभाग्य मानते है। मुनिश्री तरूण सागर ![]()
ले समाज को साथ रहे जो चलते जैन धर्म का ग्रंथ,
उन गुलाब का अभिनन्दन कर वन्दनीय अभिनंदन ग्रंथ !! रत्नाकर के रतन प्रतिष्ठा के बे अमिट तिलक हैं, "पुष्पांजली" के दवारा इनके वंदन-अभिनंदन हैं !! "पुष्प" हमेश जन-जन का मन धर्म सुरभि से भरते हैं, सहस्त्रावदी में सहस्त्र आयु हो यहीं कामना करते हैं ॥ :: संगीतकार रविन्द्र जैन मुबंई :: विपरीत परिस्थ्तियो मे भी सहज कर रहकर कार्य करना पुष्प् जी की विशेषता हैं। गुरूओं की सेवा में विनत पुष्प जी रत्नत्रय प्राप्त कर अपना आत्मकल्याण करें। मुनिश्री क्षमासागर बा. ब्र. पंडित जयकुमार जैन "निशांत"पुष्प जी बुन्देलखण्ड के प्रतिष्ठाचार्य है, वह किसी प्रकार की शिथिलता स्वीकार नही करते है, उनकी विशुध्द कार्य शैली ही उनके आयोजनो की सफलता का कारण है। मुनिश्री समता सागर आगम सिध्दान्त एवं विज्ञान का सामजस्य पुष्प जी की प्रतिष्ठा मे देखने को मिलता है , आगम विशुध्द प्रदर्शन के वह सखत विरोधी हैं। मुनिश्री प्रमाण सागर
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